Description
कविता के शब्द उन फूलों की तरह होते हैं जिनकी सुगंध कभी बासी नहीं पड़ती। पढ़े जाकर भी वे हमेशा तरोताज़ा लगते हैं। संग्रह में बहुत सी कविताएँ हैं। तृष्णा, इच्छा, उऋण होने की चाह, जीवन की क्षणभंगुरता, कृतज्ञता और करुणा का समाहार दीखता है। इन कविताओं में उत्तर जीवन की छाया है, उसकी पदचाप सुनाई देती है। इस उम्र में आकर कवि में क्षमा, करुणा, सहृदयता, लालसाओं से उबरने की कामना धीरे-धीरे सघन होती है। ऐसी तमाम मानवीय आहटें इन कविताओं में यत्र-तत्र सुन पड़ती हैं।
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