अपनी बहन, मुनक्का मौर्य ‘मृदुल’, के काव्य संग्रह पर आलेख लिखना मेरे लिए एक व्यक्तिगत और भावनात्मक अनुभव है। मुनक्का जी के साहित्यिक सफर का गवाह बनना और उनकी रचनाओं की गहराई को समझना, मेरे लिए एक अनमोल अनुभव रहा है। उन्होंने जिस तरह से अपने जीवन के अनुभवों और समाज की वास्तविकताओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है, वह प्रशंसनीय है। कविता उनके लिए केवल एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपने दिन-प्रतिदिन के घरेलू कामों के बीच भी, उनके…
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कविता में अलग बोल-वैशिष्ट्य
अनामिका का कविता संसार समकालीन कविता परिदृश्य में अनामिका का बीते चार दशकों से हस्तक्षेप रहा है तथा अब तक उनके कई कविता संग्रह आ चुके हैं। हाल के वर्षों में वे स्त्री विमर्श की एक प्रमुख हस्ताक्षर भी रही हैं। जिस संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त: थेरी गाथा 2014’ पर उन्हें यह पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है, वह बुद्धकाल की थेरियों के बहाने स्त्री प्रजाति की पीड़ा और मुक्ति का आख्यान है। अकादेमी पुरस्कार के इतिहास में कविता में पहली बार किसी स्त्री को पुरस्कृत किये जाने को…
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