Description
‘हम हो गए स्वयं खुशबूघर’ शताब्दी साहित्यकार रामदरश मिश्र की प्रेम कविताओं का एक विशेष संकलन है। रामदरश मिश्र की प्रेम कविताओं में जीवन की गहराई, संवेदनशीलता, और मानवीय रिश्तों की कोमलता की अभिव्यक्ति होती है। उनके लेखन में एक सरलता और भावनाओं की सुगंध मिलती है, जो पाठकों के दिलों को छू लेती है। इस संकलन में प्रेम को केवल रोमांटिक रूप में नहीं, बल्कि एक व्यापक दृष्टिकोण से देखा गया है, जिसमें आत्मीयता, जीवन की सादगी और मानवीय संबंधों की मधुरता समाहित है। रामदरश मिश्र की शैली हिंदी साहित्य के प्रेम-काव्य में एक अद्वितीय स्थान रखती है।
Reviews
There are no reviews yet.