हिंदी ग़ज़ल में नवप्रवेशी डॉ. वेद मित्र शुक्ल ऐसे ही रचनाकार हैं। ‘दरिया की बातें पत्थर से’ में संकलित ग़ज़लों का पाट चौड़ा है और इसमें अपने समय से संवाद करने में कृतिकार सफल है। डॉ. वेद मित्र शुक्ल अंग्रेजी साहित्य के अधिकारी विद्वान और हिंदी साहित्य के गंभीर अध्येता हैं। ग़ज़लों को पढ़ते हुए लगता है कि उन्हें उर्दू की बह्रों का अच्छा ज्ञान है। छोटी बह्रों में उन्होंने बड़ी बातें कही हैं। अपनी अभिव्यंजना को उन्होंने भरसक आकर्षक और प्रभावपूर्ण बनाया है।