99 Views ‘काहें भीड़ लगल हे गुरु ?कवनो कांड हो गयल हौ का भाय…?” ऑटो में बैठे एक सज्जन ने हाल जानना चाहा। “अरे नाहीं कुल बाढ़ देखे आयल होइहन,ससुर खलिहर लोगन के कउनो काम -धाम त हौ ना।’ऑटो वाले ने गुटखा थूक मुंह पोछते कहा। “तनी रोकता त हमहूँ देखतीं ए बचवा कि गंगा जी केतना बढ़ियायल हईं।”एक बुजुर्ग महिला ने हुलस कर ऑटो वाले को तर्जनी से कोंचा। ” अच्छा! त तोहरे कहले बिच्चे सड़क पर हम गाड़ी रोक दिंही अउर पुलिस क मार -डंडा सहीं। आंय…।” ऑटो…
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