ओम निश्चल की छह ग़ज़लें

1 वक़्त अच्छा या बुरा है ये गुज़र जायेगा जाते जाते ही मगर दिल भी बिखर जायेगा उससे दीदार का वादा जो नहीं निभ पाया उससे मिलने का मुहूरत ही गुज़र जाएगा दोस्तों सर से अगर पानी नहीं उतरा तो ज़िन्दगी जीने का उल्लास ही मर जाएगा हमने ऐसे कभी हालात नहीं देखे थे घर का जब मुखिया ही हालात से डर जायेगा लग गई आग, बुझाने की मगर कौन कहे देख करके भी बगल से वो गुज़र जाएगा इंतख़ाबात के दिन जब भी कभी आएँगे हाथ फैलाए वो गलियों…

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